Saturday, November 27, 2021

52. SPEAK YOUR WORDS WISELY...

ऐै  बन्दे....!!! 
शब्द अपने संभाल कर बोल। 
ये तेरे  शब्द ही हैं, जो तुझे बनाएंगे, 
ये तेरे शब्द ही हैं, जो तुझे तोड़ेंगे, 
ये तेरे शब्द ही हैं, जो तेरी असली पहचान बनाएंगे। 

तू मालिक हैं...!
शब्द तेरे, तेरे कर्मचारियों  में आत्म्विश्वास  बढ़ाएंगे। 
तू पिता हैं...!
शब्द तेरे, तेरे बच्चों की हिम्मत बढ़ाएंगे। 
तू जहां रहता हैं..!
शब्द तेरे, वो वातावरण को बनाएंगे। 
ऐै बन्दे....!
शब्द अपने संभाल कर बोल,
ये तेरे शब्द ही है जो तुझे एक इंसान बनाएंगे।

ये जुबान  पर आए शब्द ही थे,
जिस वजह से शिशुपाल ने अपना सर गंवाया। 
ये जुबान पर आए शब्द ही थे,
जिस वजह से रामायण में भाई को भाई से ही दूर करवाया।
और ये जुबान पर आए किसी के शब्द ही थे,
जिसने वाल्मिकी को साधू बनाया।
ये जुबान पर आए बुद्ध  के शब्द ही थे,
जिसने उंगलीमल जैसे राक्षस को भी इंसान बनाया।
ऐै बन्दे....!! 
ये तेरे शब्द ही है, जो तेरी जिंदगी बनाएंगे।

तू चाहे तो थप्पड़ खींच के मार,
तू चाहे तो कर लातों की बौछार,
पर शब्द ना बोल ऐसे जो 
जख्म  दे हजार।

शायद वो तुझे कुछ ना बोलेगा,
पर ऊपर देख उस रब से वो शिकायत करेगा।

अपने शब्द से जो तू बोएगा
फल उसी का जो पायेगा
वहीं तेरा भविष्य बनाएगा ।

ऐै बन्दे 
शब्द अपने संभाल कर बोल ।

ऐै बन्दे 
शब्द अपने संभाल कर बोल ।