ये वक्त कैसे बित जाता है पता ही नहीं चलता , आज 2 महीने बाद फिर अपने घर से दूर आना पड़ा। बहुत कठिन होता है दिल को समझाना और उस से भी कठिन है मेरे लिए मेरी माँ के आँखो से बहते हुए आंसू को देखना।
आज जब घर से निकल रहा था तब मेरी माँ के आँखो से आँसू नज़ाने रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे और ये आँसू काटो कि तरह मुझे पुरे रास्ते में चूब रहे थे। आँखे बंद करता हूँ तो वही चेहरा सामने आता है, पर दूसरी तरफ ये भी ख्याल आता है कि ये तो मेरी माँ का निसवार्थ प्यार है। जब अभी कुछ दिन खुद बिमार थी तब मुझे घर के काम करते देख रोती थी और जब में बिमार था तब भी रोती थी।
आज समझ गया मे चाहे जितनी कोशिश करलु मे लेकिन इन आँसू को रोक नहीं पाउँगा में क्युकि इन आँसूवो में दिखता मेर्री माँ का मेरे लिये प्यार है।
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(ENGLISH TRANSLATION)
I do not know how soon this time is spent, today
after 2 months I had to come away from my home again. It is very difficult to
explain to the heart and harder than that is to see the tears flowing from my
mother's eyes.
Today, as I was leaving my house, my mother's eyes
were not taking the name of stopping to tears, and these tears were biting me the
whole way inn my journney. When I close my eyes, the same face comes out, but
on the other hand it is also thought that this is my mother's selfless love.
When she was sick for a few days , she used to cry while watching my housework
and she used to cry even when I was sick.
Today I understood that even if I try, but I will
not be able to stop these tears because my mother's love for me is visible in
these tears.
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