Saturday, January 15, 2022

54. INDIAN ARMY-किसी देवदूत से कम नहीं

ये इंसान नहीं, सच में 
कोई देवदूत ही है। 
उत्साह नहीं, गम नहीं, ख़ुशी नहीं, उदासी नहीं, चिंता नहीं। 
बस अपने फ़र्ज़ के प्रति अटल  रहना,
ये किसी आमं इंसान के बस की बात नहीं।  

जान हथेली पर रखकर,
कुदरत को अपना गुलाम बनाना !
ये हार्ड मांस के बने  इंसानो की इतनी औकात  नहीं। 

डर भी डरे जिनसे,
काल भी आने से पहले घबराये जिनसे,
आँसू बहाये बच्चा बच्चा सहादत पर जिनके ,
INDIAN ARMY कहलाये वो 
खुदा के फरिस्ते  बनके। 

वॉर नहीं करते पहले, ये खालसा गुरु गोविन्द  हैं ।
पर जब वॉर किया किसी और ने 
तब ये रुद्र का अवतार हैं ।

कार्गिल, उरी, पुलवामा जैसे और भी काफी धोके थे ।
पर जब जवाब, सर-जमीन-ऐ-पाक में घुस कर दिया INDIAN ARMY ने, 
त्राहि-त्राहि कर उठा पाक !
घमंड जिसे था अपनी नापाक इरादों में ।

रास्ता ना मिलने पर, अपना रास्ता खुद बनाये 
इरादे इतने बुलंद, जिससे हिमालय भी घबराये 
पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप का अंस, 
वहीं साहस प्रतिपल ये INDIAN ARMY दर्शाये। 

चहरे पर मौत का खौफ नहीं,
अपने ना होने पर, परिवार की कोई चिंता नहीं ।
दुश्मन की लाश को अपना बिस्तर बनाना,
खुले आसमां को अपना छत बनाना।
होली रंगो से नहीं, खून से खेलना ।
दिवाली पटाको से नहीं, बारूद से मानना ।
और तिरंगे की आन के लिए, मिट जाना ।
ये किसी आदमज़ाद के बस की बात नहीं ।

जब कर्फ्यू लगता देश में ,
या होता कोई धार्मिक बवाल ।
अमल-शांति के लिए, उतरते INDIAN ARMY ज़मीन पे ।
हैं ! हिंमत किसी में ! ये CHALLENGE है मेरा,
निकले बहार और पंगा ले इनसे ।

ये INDIAN ARMY हैं, कोई कमजोर दिल इंसानी पुतले नहीं ।
अकेला एक, लाखों पर भारी हैं। 
अकेला एक, लाखों पर भारी हैं।




 



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