Tuesday, April 7, 2020

10. Ultimately Thinking Matters...

आज मैने अपनी दादी के पास जाकर काफी अफसोस कर रहा था कि - इस बार नवरात्री घर पर मनी, राम नवमी घर पर मनी, महावीर जयंती घर पर मनी, हनुमान जयंती घर पर मनेगी, बिहू घर पर मनेगी !!!
कोई मस्ती नहीं हैं इस बार |||

दादी ने हस्ते हुए पूछा- क्या तुझे ये याद है कि पिछले कुछ सालों में तूने नवरात्री, राम नवमी, महावीर जयंती, हनुमान जयंती, बिहू केसे मनाई खी?

मैने कहां- नहीं, याद नहीं मूझे !!

दादी फिर हस्ती हुई बोली - तुझे ये सब इस लिए याद नहीं कियू की हर साल एक ही तरह से इन त्योहारों को मानता है, लेकिन इस बार ऐसी मनेगी जिससे तू कभी भूल भी नहीं पाएगा  कियुकी तूने कभी ऐसा घर पर मानने के बारे में सोचा ही नहीं था ।।

मेरा अफसोस करना खुशी में बदल गया ।।

Ultimately Thinking matters,😊🙏

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