Monday, June 29, 2020

26. 10 Minutes Tea

अक्सर हम जब किसी कै घर या office जाते है तो as a manner of gesture हमे चाय या कॉफ़ी के लिए पूछा जाता है और हम शर्मा कर मना कर देते है | इस blog को पढ़ने के बाद offer की हुई चाय या कॉफ़ी को मना नहीं कर पाओगे | 

Logic ये है कि जब हम चाय या कॉफ़ी पिने के लिए रुकते है तो हमे उस एक कप को खत्म करने मे कम से कम 10 मिनट जरूर लगता है और उस 10 मिनट तक offer करने वाला हमारे पास ही बैठा रहता है । वो 10 मिनट बहुत crucial है क्यों कि-
उन 10 minute में जो conversations होती है उसमे दोनों party एक-दूसरे के बारे में जान लेते है। 
उन 10 minute में जो बाते होती है उसमे दोनों के Positive & Negative symptoms नज़र आ जाते है। 
उन 10 minute में दोनों को एक दूसरे की thinking mentality के बारे में पता चल जाता है।   
उन 10 minute में दोनों के बिच एक relation build up हो जाता है। 
उन 10 minute में दोनों के बिच future segment decide हो जाता है। 

ये वो बाते है जो एक कप चाय या कॉफ़ी से बन सकती है।


 

Thursday, June 25, 2020

25. Rain- You Only Keep Pouring

ऐ बारिश....!!! 
तू सिर्फ बरसता रहता है,

ना लेता Permission किसी की और ना करता इंतज़ार 
तू सिर्फ बरसता रहता है,

ना देखता कहाँ  और किसकी जमीन में बरसना है 
तू सिर्फ बरसता रहता है,

ना देखता होगा नुकसान कितना किसी का और ना फ़ायदा कितना 
तू सिर्फ बरसता रहता है, 

ना बार्ड की चिंता और ना झोपड़े उज्ज़र जाने की परवाह 
तू सिर्फ बरसता रहता है, 

पूरी दुनिया को भिगोता है और अपनी मर्ज़ी से ही रुकता है 
तू सिर्फ बरसता रहता है,

ना किसी की मिन्नतें सुनता और ना किसी के गुस्से से कोइ फर्क पड़ता 
तू सिर्फ बरसता रहता है,

अपनी ही धुन में बरसता और ना किसी से कोई मतलब रखता है 
तू सिर्फ बरसता रहता है ||| 











Wednesday, June 24, 2020

24. The Relationship Between Frustrated Shopkeeper & Rain.

हालांकि बारिश बच्चों के लिए बहुत प्यारी है, लेकिन अगर किसी दुकानदार से बारिश के महत्व के बारे में पूछा जाए, तो यह जले पर नमक छिड़कने के बराबर होगा।

आज पूरे दिन बारिश होती रही। लोग अपने घरों में बंद थे लेकिन एक दुकानदार  यह जानते हुए कि भारी बारिश के कारण आज उसकी दुकान में कोई बिक्री नहीं होगी, फिर भी उस तेज बारिश के कारण, वह सड़क पर पानी भरने के बाद भी अपनी दुकान पर जाता है। वह अपनी दुकान खोलता है और अपनी दुकान को उसी तरह से सजाता है जिस तरह से आज भी एक ग्राहक उसके पास आएगा।

वो अपने counter में बैठकर और अपनी आँखे दरवाजे पर टिकाये बस इंतज़ार करता है | कुछ नहीं करता बस बैठा रहता है फिर भी busy रहता है | समय बितता जाता है और आसमान से बरसते  बारिश की बुँदे उसके लिए आग में पेट्रोल ढालने का काम करती है | हर बितते  समय उसके मनमे अजीब सी बेचैनी बढ़ती जाती है और बारिश के लिए उसका गुस्सा बढ़ता जाता है | 

सुबह से दोपहर होती है, दोपहर से शाम और शाम से रात वो दुकानदार बस इंतज़ार करता है और बहार बारिश अपनी केहर बरसाती है | निराश होकर रात को अपनी दुकान की lights off करके दुकान बंद करके अपनी पलके झुकाये फिर वही बारिश का सामना करते हुए अपने घर की ओर चलता है और घर जाकर निराश मन के साथ जाकर सो जाता है बस ये सोचकर कि "आज बारिश ने अच्छा नहीं किया" | 







___________________________________________________________________________________(ENGLISH TRANSLATION)

Although the rain is very sweet for the children, but if asked by a shopkeeper about the importance of rain, it will be equivalent to sprinkling salt on the burn.

It was raining all day today. People were closed in their houses but a shopkeeper knowing that there would be no sale in his shop today due to the heavy rain, yet in the face of that strong rain, he used to go to his shop even after the water filled the road. He opens his shop and decorates his shop in the same way  that even today a customer will come to him.

He sits in his counter and keeps his eyes fixed on the door. Doesn't do anything, just sits still busy. Time is spent and the rain drops from the sky work to make petrol in the fire. Every time he grows strange anxiety in his mind and his anger for rain increases.

It is from morning to afternoon, from noon to evening and from evening to night, the shopkeeper just waits and rains rain outside. Disappointed, turn off the lights of your shop at night and close the shop and tilt your eyelids, then he walks towards his house facing the rain and goes home and goes to sleep with a frustrated mind, just thinking that "today the rain is not good Done "





Thursday, June 18, 2020

23. How Can A Father Be Explained?


कहते है कि ये बाप प्रजाति ही ख़डूसो की होती है पर सच्च कहु ये खड़ूस होते है इसी वजह से हम आगे कुछ बन पाते है | 

हमारे जन्म लेने के पहले ही न जाने सपने कितने सजाते है पर जन्म लेने के बाद बड़ी दू....र की सोचते है ,

अपना प्यार नजाने कहाँ  छिपकर रखते है, ढूंढ़ने की  कोशिश तो  काफी करते है हम लेकिन ढूंढ नहीं पाते है ,

कड़े बोल जरूर बोलते है और अपनी आँखों  के तिरछेपन से ही चुप करा देते है पर अपना हाथ हमेसा हमारे सर पर   रखते है,

एक नारियल की तरह मजबूत दिखते है, लेकिन एक आंच तो आये हमपर वही नारियल के भीतर का कोमलपन नजर आ जाता है, 

उम्रः जितनी तेजी से  हमारी बढ़ती है , दुगनी तेजी से हमारे Future की परवाह उनके सिर पर मंडराती है, 

जज़्बात नहीं दिखाते अपने लेकिन हमारे किसी Success या failure का reaction पहले दिखता चेहरे पर उनके है ,

हम लड़ते, हम झगड़ते, हम शरारते भी  भरपूर करते पर जब सुनते पैरो की आहट उनके, एक अच्छे बच्चे कि तरह शांत होकर बैठ जाते है  ,

कभी कभी ऐसा लगता है कि  ये प्यार ही नहीं करते हमसे सिर्फ चिल्लाते है, पर सच्च कहु ये चिल्लाते है इसी दर से वो गलती हम फिर नहीं दोहराते है,

इनका अंदाज़ बिलकुल अलग होता है पर ये हमारे रूह को पहचानते है, 

ये जताते नहीं पर प्यार बहुत करते है    
पर प्यार बहुत करते है  
पर प्यार बहुत करते है      ||








Friday, June 12, 2020

22. The 5 Qualities Of Angad

इस Lockdown के समय रामायण का show telecast हो रहा था DD National पे।  रामायण के एक character जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद आया वो है अंगद (महाराज बाली का बेटा) | क्या सेहेन्सिलता थी उसमे, क्या ताकत थी उसमे, क्या हिम्मत थी उसमे !!! 5 live examples के साथ लिखता हूँ | 
  1. जिसने उसके पिता की हत्या कि अंगद  उन्ही श्री राम के चरणों की पूजा करता, अपने चाचा महाराज सुग्रीव को पिता मान देता - ये उसकी सेहेन्सिलता का प्रतिक था |
  2. जब श्री राम का दूत बनकर लंका के राज सभा में जाना था तो निशास्त्र होकर अपनी उदारता का परिचय दिया  | 
  3. जब लंका के राज दरबार में एक दूत का अपमान हो रहा था तो अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए अंगद ने  अपने पूंछ से रावण के बराबर सिंघासन बना लिए - इस से अंगद ने अपने स्वाभिमान की रक्षा की | 
  4. जब वानरों का और श्री राम  का अपमान हो रहा था तब चुनौती के रूप में अपने पैरो को जमीन में धस दिया | रावण के दरबार में बैठे किसी भी योध्या में इतनी शक्ति नहीं थी कि अंगद के पैरो को  हिला सके - यहाँ अंगद ने सिर्फ अपनी शक्ति का ही नहीं बल्कि अपनी आत्मनिर्भरता का भी परिचय दिया | 
  5. जब युद्ध शुरू  हुआ तब इस तरह अपनी गदा चलाई की सामने वाले को शस्त्र चलाने का मौका भी नहीं दिया और अंत में अपनी जीत का ख़िताब श्री राम के चरणों पे सौप देता - इस से अंगद का बड़प्पन नजर आता है |  



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(English Translation)

At the time of this Lockdown, Ramayana's show telecast was happening on DD National. One of the characters in Ramayana that I liked the most is Angad (son of Maharaja Bali). What was the sensibility in it, what was the strength in it, what was the courage in it !!!    I write with 5 live examples.

1.      1. The one who murdered  Angad’s father, Angad realized him to be  the creator of Universe (Lord Rama) and worshiped him day & night.  Angad would consider his uncle Maharaja Sugriva as father - This was a sign of his self-consciousness.

2.      2. When Angad had to go to Sri Lanka's Court on being as a messenger of Lord Rama , Angad sacrificed his weapon.  He showed his generosity by having scripture.

3.   3. When a messenger was being insulted in the Royal court of Lanka, Angad made an arrangement of his seat by his tail which was equal height with seat of  Ravana to protect his self-esteem - From this Angad protected his self-respect.

4.      4. When the wanars  and Lord Ram were being insulted, then as a challenge, Angad threw his feet into the ground and challenged every soldiers sitting in the Royal court. No Soldiers  sitting in the court of Ravana had enough power to shake Angad's feet - Here Angad not only showed his strength but also his self-reliance.

5.      5. When the war started, he did not even give a chance to drive his mace in front of the weapon and finally gave the title of his victory at the feet of Lord Rama - This shows Angad's greatness.











Saturday, June 6, 2020

21. Those 3 Piece Eclairs..

तीन साल बित गए  पर आज भी नहीं भुला साल 2017 में मेरे  Birthday की वो घटना।  बहुत सारी wishes मिली, gifts मिले, chocolates मिले , कई लोगो ने Cake लाकर मेरे Birthday को यादगार बना दिया।  हसी  उस दिन चेहरे  से छुपने का नाम ही नहीं ले रही थी पर दिन के खत्म होते होते एक घटना ने मेरे आँखो  में पानी ला दिए। जिस Hostel में मै रहता था उस hostel में एक Head Cook रहते थे जिन्हे हम  प्यार से झकासजी कहकर बुलाते थे। 
मेरे Birthday वाली रात को मै अपने Hostel के staffs को Cake खिलाने गया तब सभी staffs के चेहरे पर एक ख़ुशी थी, सभी staffs ने मुझे दुवाए दी, मेरे उज्जवल भविस्य की कामना की पर जब मै झकासजी  को Cake खिलाने गया तो उन्होंने अजीब तरीके से cake खाने को इंकार कर दिया, मुझे ये बिलकुल अच्छा नहीं लगा। जब उनसे Cake नहीं खाने का reason माँगा तो कहने लगे-"जाओ यहाँ से, बहुत काम है मुझे ". उनका ये Behaviour मैने कभी अपने लिए नहीं सोचा था। मुझे  समज आ चूका था कि कुछ तो बात है,  कियुकी झकासजी मुझसे नजरे नहीं मिला सक रहे थे। 

बार- बार पूछा पर झकासजी ने कोई जवाब नहीं दिया, फिर उन्ही के बगल में खरा एक staff ने मुझे उनकी इस Behaviour का कारण बताया जिसे सुनकर मेरे आँखो से भी पानी निकल गए। 

उस Staff ने कहाँ कि झकासजी ने मेरे लिए 3 Piece Rs 1 /- वाली Eclairs लाकर रखी है पर कहीं मुझे बुरा ना लगे इस वजह से मुझे दी नहीं है ,  मै समज गया उनका Cake ना खाने का reason किया  है। जब मुझे ये बात पता चली उनके आँखो में भी पानी आ गए थे। 

फटाफट उनसे वो 3 Piece Eclairs  अपने हक से मांगी और ख़ुशी से उन्हें अपने हाथो से Cake खिलाया। उनके उदास चहरे पर अच्छी सी Smile आ गई थी।

 ये 3 Piece Eclairs मेरे लिए सबसे ज्यादा अनमोल थे कियुकी इसमें उनका प्यार झलक रहा था। 






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(English Translation)

Spent three years, but I have still not forgotten that incident of my birthday in 2017. Many wishes were received, gifts received, chocolates received, many people made my birthday memorable by bringing cakes. Happiness haven’t keeping any pause, but by the end of the day, an incident brought water to my eyes. The hostel I used to live in had a head cook  whom we used to fondly call Jhakasji.

On the night of my birthday I went to feed the cake to the staffs of my Hostel, then there was a joy on the face of all the staffs, all the staffs gave me the blessings, wished for my bright luck but when I went to feed Cake to Jhakasji, he refused to eat , I did not liked it at all because he showed a weird behavior that day. When I asked for a reason not to eat cake, he started saying - "Go from here, I have a lot of work". I never thought of this Behavior for myself. I had understood that there is something wrong, because Jhakasji could not speak seeing my eyes.

Repeatedly asked, but Jhakas ji did not give any answer, then a staff sitting next to him told me the reason for his behavior which, on hearing this, my eyes also got water.

The staff said me that  Jhakasji has brought  3 Piece Rs 1 / - Eclairs for me on the occasion of my Birthday but have not given it to me as though  I might feel embarrassed . I understood the reason behind not eating the Cake.

I immediately asked for those 3 Piece Eclairs  and gladly fed him the cake with my hands. There was a nice smile on his sad face.

These 3 Piece Eclairs were the most precious to me because his love was seen in it..