तू सिर्फ बरसता रहता है,
ना लेता Permission किसी की और ना करता इंतज़ार
तू सिर्फ बरसता रहता है,
ना देखता कहाँ और किसकी जमीन में बरसना है
तू सिर्फ बरसता रहता है,
ना देखता होगा नुकसान कितना किसी का और ना फ़ायदा कितना
तू सिर्फ बरसता रहता है,
ना बार्ड की चिंता और ना झोपड़े उज्ज़र जाने की परवाह
तू सिर्फ बरसता रहता है,
पूरी दुनिया को भिगोता है और अपनी मर्ज़ी से ही रुकता है
तू सिर्फ बरसता रहता है,
ना किसी की मिन्नतें सुनता और ना किसी के गुस्से से कोइ फर्क पड़ता
तू सिर्फ बरसता रहता है,
अपनी ही धुन में बरसता और ना किसी से कोई मतलब रखता है
तू सिर्फ बरसता रहता है |||
Bahut khoob
ReplyDeleteThank you
DeleteSuperb writing bhaiya ��
ReplyDeletethank you very much
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