ये दोस्ती ना रिस्तेदारी खून की,
ये दोस्ती ना बिरासत में मिली पूर्वजो की,
ये दोस्ती वो जिसे हमने अपने दम पर बनाई,
ये दोस्ती वो जिसे हमने अपने दिल से निभाई।
उम्र बदलती गई, नए दोस्त बनते गए,
पर पुराने हमेसा दिल के करीब रहते गए।
नोक-झोक भी होती,
पर शरारते बढ़-चढ़कर होती।
ये दोस्ती हमने पाई।
Busy दिन के बाद जब बिताते दो पल दोस्तों के साथ,
या अपनी मायूसी का राज share करते अपने दोस्तों के साथ,
Tension होता दूर और गुस्सा होता शांत,
मुरझाये चहेरे पर हसीं दस्तक देती फिर एक बार।
ये दोस्ती वो जो हमने पाई।
कोई हमे शरीफ समझते तो कोई तो कोई हमे बिगड़ैल समझते,
पर हमारी असली identity तो हमारे दोस्त समझते।
हम किसी के सामने अच्छे बनते तो किसी के सामने Professional बनते,
पर कमीने तो सिर्फ दोस्तों के सामने ही बनते।
ये दोस्ती हमने पाई।
हम लड़ते, हम झगड़ते, तो कभी कभी एक दूसरे से काफी जलते,
पर मुसीबतो में हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े रहते।
रिस्तेदारी तो बहुत निभाते formality की,
पर दोस्ती दिल से हम निभाते।
ये दोस्ती वो जो हमने बनाई।
दिन बदलते है,उम्र बदलती है, साल बदलते है,
पर दोस्ती हमारी वही रहती है।
चाहे मिले महीनो या सालो बाद,
पर बात करने की टोन वही गलियों वाली होती है।
ये दोस्ती वो जो हमने पाई।
ये दोस्ती वो जो हमने पाई।।
It is awesome
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