I am a Writer, a Speaker too. I usually write upon real life facts and I share my writings upon this platform which can touch the reality going on in anyone's life. I also provide suggestions upon improvement of thought process of a normal person
Monday, December 20, 2021
53. इंसान नहीं, राम नहीं, कृष्ण नहीं, भगवान नारायण ही है तू |||
Saturday, November 27, 2021
52. SPEAK YOUR WORDS WISELY...
Saturday, September 18, 2021
51. मैं जैन तो नहीं , पर......?
Thursday, September 9, 2021
50.बप्पा तुझसे शिकायते बहुत हैं |
Friday, August 20, 2021
49. Younger Age With INCREDIBLE Thoughts
Just yesterday, I bowed before
the wisdom of a small girl.
I went to a program yesterday
where class-10 pass-out students were being felicitated this year.
I saw all the children looking at each other and touching the feet of all those
who were felicitating them and those who were sitting on the stage.
In the crowd of those 30-35
children, there was a girl, 15 years of age who touched the feet of all the people sitting on
the stage except the person who felicitated her. Instead of touching his feet, the girl choosed
to shake hands. I didn’t understand why she did this? Where everyone was
touching feet, why didn't she do what everyone else was doing?
This is a option, I accept but I wanted to know what thought-process was going over her mind at that moment.
After the program was over, I
could not stop myself and asked the girl why she do this.
That girl's answer bowed me before
her age and age's wisdom.
The girl replied me, "The
one who felicitated me is of my brother's age and the rest of the people who
were sitting on the stage are of my father's age. If I touched the feet of the
one who is of my brother's age, he would have felt awkward. And somewhere other people who were sitting
here would also have made fun of him which I
didn't wanted. I don't want those who felicitated me over my success to have less respect than
mine."
The great thinking of that girl's young age made me realize that this girl cannot be a part of any crowd. In the open sky, she will fly with her wings planted. Its wisdom will take it a long way.
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(HINDI TRANSLATION)
बस कल ही की बात, एक छोटी सी बच्ची की समझदारी के सामने मैं नतमस्तक हो गया।
मैं कल एक program में गया था जहां इस साल Class-10 के pass-out students को felicitate किया जा रहा था। मैने देखा की सभी बच्चे एक दूसरे के देखा-देखी उन सभी के पैर छू रहे थे जो उन्हें felicitate कर रहे थे और जो स्टेज पर बैठे थे।
उन 30-35 बच्चों की भीड़ में एक 15 साल की लड़की ऐसी थी जिसने उस इंसान को जिसने उसे felicitate किया, को छोड़कर स्टेज में बैठे बाकि सभी लोगों के पैर छुवे। उसके पैर छूने के बजाय , उस लड़की ने हाथ मिलाना चुना। मुझे ये नहीं समझ आया कि उसने ऐसा क्यों किया। जब सब पैर छू रहे थे तब उसने वो क्यों नहीं किया जो हर कोई कर रहे थे।
ये एक option हैं, मैं इसे मानता हूँ, पर मैं ये जानना चाहता था कि उस समय उसके दिमाग में क्या thought-process चल रहीं था।
Program खत्म होने के बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैने उस लड़की को पूछ लिया कि उसने ऐसा क्यों किया।
उस लड़की के जवाब ने मुझे अपने उम्र और उम्रः के समझदारी के सामने झुका दिया।
उस लड़की ने मुझे ये जवाब दिया "जिसने मुझे Felicitate किया वो मेरे भाई की उम्र का हैं और बाकि जो लोग स्टेज पर बैठे थे वो मेरे पापा के उम्र के हैं। अगर मेँ अपने भाई के उम्र वाले के पैर छूती तो उन्हें awkward feel होता और कहीं ना कहीं बाकि लोग जो यहाँ बैठे थे वो उनका मजाक बनाते जो मैं नहीं चाहती थीं। जिसने मुझे felicitate किया उनका सन्मान मेरी बजाह से कम हो ये मैं नहीं चाहती। "
उस बच्ची की छोटी उम्र कि बड़ी सोच ने मुझे ये एहसास दिलाया कि ये लड़की किसी भीड़ का हिस्सा नहीं बन सकती। खुले आसमान में ये अपने लगाए पंखों के साथ उड़ेगी। इसकी समझदारी इसे बहुत आगे तक ले जाएगी।
Sunday, July 11, 2021
48. हम लड़के हैं पर Pressure Cooker नहीं
चेहरे से सक्त दिखते हैं,
पर दिल में sensitivity कूट कूट कर भरी हैं कहीं ना कहीं।
परिवार का नाम रोशन करना हैं !
सब तुम्हे ही संभालना हैं !
पैसे भरपूर कामना हैं !
पर खुदको सँभालने में चूक जाते हैं हम कभी कभी।
Monday, June 14, 2021
47. कुछ परिवर्तन मुम्किन होते है
"कहते है जब दिलो में नफरत की जुवला इस कदर बढ़ जाती है कि किसी की भी फटकार, या सलाह, या तर्कीव उस नफरत कि आग को ठंडा नहीं कर सकती तब कोई Positive शक्ति, कोई दैविक शक्ति ही उस नफरत की जुवला को ठंडा कर सकती है।"
मैंने इस Positive शक्ति को शाक्षात महसूस किया है।
गत कुछ सालों से मेरे चाचा और हमारे परिवार के बिच कई घरेलु मामलो को लेकर बात-विवाद चल रहा है। इन घरेलु मामलो को लेकर हम दोनों परिवारों में एक नफरत सा माहौल दिलो पर छाया हुआ था। ये नफरत इस कदर थी कि दोनों परिवार एक दूसरे को देखना तो दूर, एक दूसरे का नाम भी पसंद नहीं करते थे। इस नफरत ने पुरे परिवार को, सारे रिस्तेदारो को भी एक दूसरे से दूर कर दिया था।
और कहीं ना कहीं ये नफरत मेरे मन में भी अपने चाचा के लिए पल रही थी जिसे मिटाना शायद आसान नहीं था। मेरे मन में मेरे चाचा के प्रति नफरत, गुस्सा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही चला जा रहा था। छोटे- बड़े का सम्मान बिल्कुल खत्म हो चूका था।
एक घटना ने मेरे मन से 13 साल पुराने पलते नफरत को एक ही झटके में खत्म कर दिया।
गत कुछ दिनों पहले मेरे चाचा और उनका पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित थे । चाचा समेत सब परिवार अपने घर में isolate हो चुके थे। मेरे पापा रोज चाचा से उनके और उनके परिवार के स्वस्त की खबर लेते जरूर थे पर मेरे मन में कोई चिंता नहीं थी। कुछ दिंनो बाद मेरी चाची की तबियत अचानक बहुत ज्यादा बिगड़ गई , यहाँ तक की hospital में admit करने की नौबत आ गई। चाचा, चाची को Guwahati, Health City Hospital में admit कैरवाने ले जा रहे थे। मुझे जैसे ही ये खबर पता चली, मेने सबसे पहले अपने पापा को जाकर ये बताई। मेरे पापा ने चाचा से पूछा अगर मेरी जरुरत है तो मुझे साथ ले जाने जिसपर मेरे चाचा ने मना कर दिया।
शायद उसी वक्त ईस्वर ने इशारा दे दिया था कि यही वक्त हैं अपने फ़र्ज़ को निभाने का । एक ही मिनट में बहुत सारे सवाल मन को परेशान कर रहे थे कि चाचा और चाची दोनों कोरोना संक्रमित हैं तो इस हालात में कैसे चाचा hospital की formalities पूरी कर पायेगा?, कौन उनके पास रहेगा?, वो कैसे चाची का ख्याल रख पायेगा?, कहीं चाचा के कुछ हो गया तो क्या होगा ? इन सभी सवालो का जवाब उस वक्त मुझे सिर्फ एक ही नज़र आ रहा था कि मुझे इसके साथ जाना होगा।
बिना दिल में कोई शिकायत रखे मैने चाचा से बात कि जिसपर वो मुझे साथ चलने से मना करने लगे पर उस वक्त शायद नियति को कुछ और ही मंजूर था। PPE KIT पहनकर, ईस्वर का नाम लेकर मैं चाचा-चाची से साथ Ambulance में Guwahati जाने को तैयार हो गया। उस वक्त से लेकर Hospital में रहने के आखरी दिन तक मेरे मन में एक बार भी ये ख्याल नहीं आया कि हमारा पारिवारिक वैर चल रहा है। मेरे से जो और जितना अच्छा हो सका मैंने वो सब किया। हर वो कोशिश कि जिस से चाचा और चाची को कोई तकलीफ़ ना हो।
ये 6 दिनों में बदलाव के नाम पर बहुत कुछ हुए। चाचा और मैं अपने मनभेद को छोड़कर वापस अच्छे से बात करने लगे, एक दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान के भाव वापस नज़र आने लगे, पुराने झगड़े के किसी भी बातों का जिक्र नहीं हुआ, क़रीबी रिश्तेदारों के साथ सम्बंद वापस सुधरने लगे, दिलों की नफ़रत खत्म होती नज़र आने लगी, निस्फिकर होकर एक दूसरे के प्रति विश्वास वापस मेहसूस होने लगे।
ये वो बदलाव हैं जो शायद होना नामुमकिन सा था। ये और कुछ नहीं एक दैविक शक्ति ही थी जिसने सालों की नफरत को बिना किसी फटकार के साथ प्यार में बदल दिया। ये वो दैविक शक्ति ही थी जिसने मुझे Guwahati जानने पर मजबूर कर दिया था। ये वो दैविक शक्ति ही थी जिसने दिलों को परिवर्तित कर दिया।
ये परिवर्तन अच्छा हैं।
Wednesday, May 12, 2021
46. My Sea of Dreams.
Friday, May 7, 2021
45. How Incredible Is Mother...
कहने को तो बस दो अक्षरों का छोटा सा शब्द है ये,
पर समाता इसमें पूरा ब्रम्हांड हैं।
दुनिया चाहे हमे कितना भी बुरा या अच्छा समझे
पर अपनी माँ के सामने आज भी हम एक नन्ही सी जान है।
मेरे रोने पर तो रोती है, पर मेरे हॅसने पर भी रोती है ,
मेरे fail होने पर तो रोती है, पर मेरे पास होने पर भी रोती हैं,
मेरे घर से दूर जाने पर भी रोती है तो घर जब लौट आता हूँ तब भी रोती हैं
Friday, April 30, 2021
44. रोहित सरदाना को सब्दो की श्रद्धांजलि ||
Tuesday, April 20, 2021
43. एक मारवाड़ी कैसे बना एक सफल व्यापारी
एक मारवाड़ी कैसे बना एक सफल व्यापारी
अक्सर ये सवाल आते है कि मारवाड़ी सफल Businessman कैसे है? मारवाड़ी इतने अमीर क्यों है ? एक मारवाड़ी सोचता कैसे है ?
1. BUSINESS ORIENTED MIND- मारवाड़ी जन्म से व्यापारी होते है। जहां एक आम आदमी बीबी- बच्चे, नौकरी, आराम के बारे में सोचता है वहां एक मारवाड़ी को बचपन से ही रुपयों, व्यापर के बारे में सिखाया जाता है, जिस वजह से बचपन से ही मारवाड़ी का दिमाग Business -Oriented रहता है। Job हमेसा से इनके लिए एक temporary platform रहता है।
2. UP-TO-DATE ACCOUNTING- जहाँ बाकि Businessman अपने Business Operations पर ध्यान देते है वहां मारवाड़ी अपने Accounting operations पर ज्यादा ध्यान देते है। ये Business Operations को delegate करते है पर accounts हमेसा खुद monitor करते है।
3. FANTASTIC INVESTOR- आज भारत के Top 5 investors मारवाड़ी है। मारवाड़ी कंजूस नहीं होता हैं ये रूपये की actual value को समझता है और इसी वजह से वो 2 रूपये बचाने के बारे में सोचता है। मारवाड़ी हमेसा उन्ही Investment Plans पर focus करते है जो आने वाले लम्बे समय तक लाभदाई हो।
4. NETWORKING- मारवाड़ी की जुबान यानि पत्थर पर गदा निशान। इनके पास funds available नहीं रहते पर फिर भी payments का commitment कर देते है। मारवाड़ी Networking पर ज्यादा ध्यान देते है। इनका ये सोचना है "जान-पहचान बड़सी तो धंधो अपने आप बड़सी" | Networking के जरिये ये अपने लिए Helping-Sources को generate करते है जिस वजह से passive-funding में इन्हे कोई तकलीफ नहीं आती है।
5. SECONDARY INCOME- एक मारवाड़ी हमेसा एक secondary source of income की planning जरूर करता है ,अब चाहे वो income Interest हो, Rent हो, या Property Appreciation जिसे वो अपनी बुढ़ापे के लिए संभल के रखता है। मारवाड़ी सिर्फ अपने आज के बारे में ही नहीं बल्कि अपने और अपने परिवार के आने वाले कल के बारे में भी सोचते है।
6. READY FOR CHARITY- "LEARN EARN DONATE" ये मारवाड़ी का सिद्धाँत होता है जिसे वो strictly follow करते है। भारत के Charity Fund में लगभग 62 % योगदान मारवाड़ी का होता है। इसके अलावे ये कई संस्थाए खुद भी चलते है जिसे वो समाज सुधार से related कई सारे काम करते है।
7. SPRITUALITY- मारवाड़ी Sprituality पर खुद से ज्यादा यक़ीन करते है। ये मानते है कि मंदिर जाने से , धार्मिक स्थलों में जाने से मन और दिमाग दोनों शांत होता है। बचपन से ही ये अपने बच्चो को अपने संस्कृति का ज्ञान दे देते है।
8. READY TO ACCEPT RESPONSIBILITY- एक मारवाड़ी कभी जिमीदारिया लेने से नहीं घबराता अब चाहे वो जिम्मेदारी उसके घर की हो, समाज की या अपने व्यापार की। हर वक्त मदत के लिए तैयार रहता है। इसी गुण की वजाह से मारवाड़ी एक सफल Leader होता है।
इन्ही वजहों की वजह से मारवाड़ी को सफल व्यापारी माना जाता है।
Thursday, March 25, 2021
42. Holi is all About बाबा श्याम की भक्ति & चंग की मस्ती
पुरे विश्व में भारत अपने त्योहारों के लिए बहुत बिख्यात है। यहाँ लोग त्योहारों को दिल से मनाते है। आपस का खुशिया मनाते हैं, नाचते है, मानो पूरी तरह से उसी त्यौहार के रंग में रंग जाते है।
और उसी में से एक है होली का त्यौहार। होली की दो सबसे बड़ी खासियत है -
पहला ये की होली, हिन्दू पंचांग के हिसाब से फागण के महीने में मनाया जाता है और फागण के पवित्र महीने में पूरी दुनिया बाबा श्याम के भक्तिरस में डूबी रहती है। हर कोई अपने-अपने ढंग से बाबा को रिझाने में लागे रहते है। एक ऐसा भक्तिरस जिसकी धुन में लोग झूमने लगते है, बाबा श्याम की भक्ति में अपने आप को पूरी तरह से रंग लेते है। छोटे हो या बड़े,अमीर हो या गरीब, फागण के भक्तिरस का रंग दिल और दिमाग में पूरी तरह से छाया रहता है। जुबाह पर "जय श्री श्याम" का नारा और हाथो में लेकर निशान बाबा श्याम का, लोगो में सकरात्मक ऊर्जाः का संचार करता है। पुरे वातावरण में एक पवित्रता का अदृस्य रंग छाया हुआ रहता है।
कोई भी त्यौहार तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक उसे हम दिल से ना निभाये और होली उन्ही दिल से निभाने वाले त्योहारों में से एक है।
Monday, March 15, 2021
41. Nikita !!! Memories of Friendship....
Sunday, February 14, 2021
40. Find the Actual ....."YOU"
कहीं खुद में तो ना खो गया तू ...|
सच्च कहु तो तू बस अपने बालो को ही सवारने में रह जाता है
तू बस चेहरे पर नकाबों का लेप मलता चला जाता है,
उन नकाबों के पीछे तू अपने चेहरे को छिपाता है
क्या उन नकाबों के बिच तू कहीं खो तो नहीं जाता हैं ?
तू हर पल किसी ओर चिंता में डूबा रहता है ,
तू हर पल किसी और खयालो में खोया रहता है।
तू हस्ता किसी ओर के लिए है,
तू रोता भी शायद किसी ओर के लिए ही है,
मै अब तक समज ही न पाया तू अपने लिए जीता कब है |
Friday, January 15, 2021
39. One Festival but Different Names
पर अलग अलग है नाम ,
कही मनता बिहू तो कोई मनता पोंगल
कही मनता लोहरी तो कही मनता संक्रांत है ।
पर मतलब सबका आकर रुकता प्रकृति पर है।